Monday, October 15, 2007

शुन्य

"शुन्य" एक शब्द , परंतु इस एक शब्द मे कितना कुछ छुपा रखा है। मैंने सुना है जब स्वामी श्री विवेकानंद जब लन्दन गए थे तो उन्हें मुश्किल से पांच मिनट का समय मिला था "शुन्य" पर कहने को, परंतु जब उन्होने बोलना शुरू किया तो वे लगातार ४८ घंटो तक इसकी व्याख्या करते रहे, और लोग तब भी संतुस्ट नही हुये । मेरी ये हार्दिक अभिलाषा है कि मैं उनकी उस व्याख्या को पढ़ सकू ।
आज मेरी ये अभिलाषा पूर्ण होने वाली है , विस्तृत खोज के बाद मुझे वे दस्तावेज मिल ही गए जिसमे स्वामी विवेकानंद जी के उस भाषण कि व्याख्या है जो उन्होने "शुन्य" पर दी थी । चुकी ये दस्तावेज अंग्रेजी मे है , इसलिये मैं इसका हिंदी मे अनुवाद करने कि कोशिश केर रहा हूँ।

Monday, October 8, 2007

रहीम के दोहे

यह रहीम निज संग ले जनमत जगत ना कोय
बैर , प्रीत , अभ्यास जस होत होत ही होय

चाह गयी चिंता मिटी मनुवा बेपरवाह
जिसको कछो ना चाहिए वे साहब के साह

बिगरी बात बने नहीं , लाख करे किं कोय
रहिमन फाटे दूध को माथे तो माखन होय

खैर , ख़ून ,खांसी , खुसी , बैर, प्रीत, मद्पान
रहिमन दाबे ना दबे जानत सकल जहाँ

कबीर के दोहे

दुनिया कैसी बावरी , पाथर पूजन जाय
घर की चाकी कोई ना पूजी जाका पीसा खाय

पानी केरा बुदबुदा अस माणूस की जाती
एक दिना बुझ जाहिंगे तारे ज्यूं परभाती

ऎसी बानी बोलिए मन का आपा खोय
अपना मन सीतल करे औरों को सुख होय

बुरा बुरा सबको कहै बुरा ना दीसे कोई
जो दिल ख्होजो आपनो मुझ सा बुरा ना कोई

प्रेम ना बारी ऊप्जी प्रेम ना हात बिकाये
राजा परजा जो रुचि सीस देय ले जाये



premee DhooNDhat maiN phirauN premee milai na koi
premee ko premee milai sab bis amrit hoi

Friday, October 5, 2007

चाणक्य निति

१. मूर्ख को ज्ञान दे कर, बूरी पत्नी के साथ , और नगण्य से अत्यधिक मित्रता से एक पंडित भी गहरे दुःख का अह्शाश करता है ।
२. वैसे देश मे न रहना जहा तुम्हारा आदर न हो, तुम अपनी जीविका न कमा सको , जहा तुम्हारा कोई दोस्त न हो या जहाँ ज्ञान प्राप्ति न हो।
३. बुद्धिमान व्यक्ति कभी वैसे देश नही जाते जहा आजीविका का कोई साधन न हो , जहा लोगो को किसी का दर न हो, जहाँ शर्म का अह्शाश न हो, कोई ज्ञान न हो और परोपकारी प्रवृति न हो।
४. कभी इन्हें अपना विश्वाश न दे, लाब्लाबती नदी, सस्त्रधारी व्यक्ति, सींग या पंजे वाले जानवर, अतिसुन्दर कन्या और शाही परिवार के सदस्य।
५ स्त्रियों मे पुरुषों के मुकाबले दोगुनी भूख, चर्गुनी शर्म, छःगुनी
निर्भीकता और आठ्गुनी कामुतेजना होती है।
६ आज्ञाकारी संतान, प्रेम करने वाली अच्छे आचरण वाली पत्नी और अपने धन से संतुस्ट व्यक्ति के लिए धरती पर ही स्वर्ग है ।

Thursday, October 4, 2007

हिंदी के कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइट्स

हिंदी शिक्षा अभियान का पहला चरण है ऐसे संसाधन जुटाना जो इस अभियान मे हमारा साथ दे। निम्नलिखित वेबसाइट्स उन कई अन्य वेबसाइट्स मे से है जो मेरे ख़याल से हिंदी भाषा प्रसार मे सहायक हें । आप लोगो से भी मेरी गुजारिश है कि ऐसे अन्य वेबसाइट्स को यहाँ अवश्य अंकित करे ।
अंगरेजी से हिंदी शब्दकोष :
http://www.cfilt.iitb.ac.in/~hdict/webinterface_user/dict_search_user.php
हिंदी भाषा प्रोत्साहन :
http://www।anubhuti-hindi.org/
http://www.hindigagan.com/
http://www.hindigagan.com/jadoo/kavitayen/index.html
http://www.letslearnhindi.com/lessons.html

विदेशी विश्वविद्यालयों या विदेशियों द्वारा हिंदी भाषा प्रोत्साहन:
http://taj.chass.ncsu.edu//
http://www.uni.edu/becker/hindi.html
http://albertahindiparishad.org/

हिंदी भाषा शिक्षण के संसाधन :
http://www.avashy.com/hindiscripttutor.htm
http://faculty.maxwell.syr.edu/jishnu/201/AdvVocab.asp?char=A
http://faculty.maxwell.syr.edu/jishnu/201/quiz2.asp?start=new
http://faculty.maxwell.syr.edu/jishnu/201/quiz3.asp?start=new
http://faculty.maxwell.syr.edu/jishnu/jshankar/hin201/HampiSlideShow/HampiSlideVoc.htm
http://www.language-school-teachers.com/Default.asp?selX6=26

हिंदी शिक्षा अभियान

ये ब्लोग एक अभियान है, जो हिंदी कि शिक्षा उन लोगो तक पहुचायेगी जो इसके इक्छुक है। इस तरह से हम ना केवल हिंदी भाषा प्रेमियों, बल्कि उन लोगो कि भी मदद केर सकते है जो इस भाषा मे उतने समर्थ नही हैं। मेरी यह गुजारिश है आप सभी हिंदी प्रेमियों से की इस अभियान को सफल बनाए और इस ब्लोग पे पूछे जाने वाले भाषा संबंधी प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयाश करें।
आपकी इस मदद के लिए भले ही आपको कोई भोतिक पारितोषिक न मिले पर एक निस्वार्थ अनुभूति अवश्य होगी।

हिंदी का महत्व

आप सभी लोगो का स्वागत है। यह ब्लोग समर्पित है हमारी मात्री भाषा को।
हिंदी भाषा के विकाश कि हमारी ये कोशिश आप सभी लोगो के योगदान कि
कायल है।इस ब्लोग कि मदद से हम अपनी भाषा का सुधार और विकाश करना
चाहते है। कृपया हमारी इस पहलकदमी मे हमारा साथ दें।